हनुमान वडवानल स्तोत्र | Hanuman Badwanal Strotra in Hindi
“हनुमान वडवानल स्तोत्र” का पाठ बड़ी विपत्ति आ जाने पर किया जाता है । इस स्तोत्र के पाठ करने से बड़ी-से-बड़ी विपत्ति भी टल जाती है। मनुष्य के सभी संकट स्वत: ही नष्ट हो जाते हैं और हनुमान जी के कृपा से वह सुख-सम्पत्ति की वृद्धि होती है। इस स्तोत्र के प्रभाव से सभी प्रकार के तंत्र-मंत्र, बंधन, प्रयोग, भूत-बाधा आदि का स्वत: ही निवारण हो जाता है। बड़े-से-बड़ा शत्रु भी नष्ट हो जाते है।
हनुमान वडवानल स्तोत्र पाठ करने की विधि |
Hanuman Badwanal Strotra path ki vidhi in Hindi
प्रात:काल उठकर नित्य कर्म कर,स्नान कर लें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को शुद्ध कर लें। हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने लाल आसन पर बैठ जायें। सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें, उसके बाद श्रीराम सहित माता सीता की पूजा करें। तत्पश्चात हनुमान जी की पूजा विधिपूर्वक करें। सरसों के तेल का दीपक जलाकर हनुमानजी के सम्मुख रखें । उसके बाद “हनुमान वडवानल स्तोत्र” का पाठ १०८ बार करें । यह पाठ लगातार ४१ दिनों तक करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ४१ दिनों तक ब्रह्मचर्य का पालन करें और सात्विक भोजन करें । सभी प्रकार के व्यभिचार से दूर रहें।
विनियोग:-
दाहिने हाथ में जल लेकर निम्न मंत्र को पढ़े और उसके बाद जल को भूमि पर छोड़ दें:-
ध्यान:-
दोनों हाथ जोड़कर हनुमान जी का ध्यान करें:-
मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं ।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये ।।
उसके बाद विधिपूर्वक पूजा करके स्तोत्र आरम्भ करें:-
स्तोत्रम्:-
।। इति विभीषणकृतं हनुमद् वडवानल स्तोत्रं ।।