पंच मुखि हनुमत्कवचं क्रमश: |
Panch Mukhi Hanumat Kavach continue

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हनुमान वडवानल स्तोत्र (HANUMAT BADWANAL STROTRA)
“हनुमान वडवानल स्तोत्र” का पाठ बड़ी विपत्ति आ जाने पर किया जाता है । इस स्तोत्र के पाठ करने से बड़ी-से-बड़ी विपत्ति भी टल जाती है। मनुष्य के सभी संकट स्वत: ही नष्ट हो जाते हैं और हनुमान जी के कृपा से वह सुख-सम्पत्ति की वृद्धि होती है। Read More

पंच मुखि हनुमत्कवचं | Panch Mukhi Hanumat Kavach in Hindi
इस कवच का एक पाठ करने से शत्रुओं का नाश होता है । दो पाठ करने से कुटुम्ब की वृद्धि होती है । तीन पाठ करने से धन लाभ होता है । चार पाठ करने से ... Read More

हनुमान जी की पंचोपचार पूजा विधि / संछिप्त विधि
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अथ श्री एक मुखि हनुमत्कवचं अर्थ सहित| Ek Mukhi Hanumat Kavach in Hindi
अथ श्री एक मुखि हनुमत्कवचं | Ek Mukhi Hanumat Kavach in Hindi WITH MEANING Read More

हनुमद् बीसा (HANUMAT BISA)
यह पाठ हनुमान जी का प्रसाद है। इसका पाठ करने से सभी शत्रु तत्काल नष्ट हो जाते हैं। हनुमद् बीसा का इक्कीस दिन तक १०८ बार पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। उस मनुष्य का कोई भी शत्रु नहीं रह जाता। Read More


हनुमान साठिका (HANUMAN SATHIKA)
हनुमान साठिका का प्रतिदिन पाठ करने से मनुष्य को सारी जिंदगी किसी भी संकट से सामना नहीं करना पड़ता । उसकी सभी कठिनाईयाँ एवं बाधाएँ श्री हनुमान जी आने के पहले हीं दूर कर देते हैं। हर प्रकार के रोग दूर हो जाती हैं तथा कोई भी शत्रु उस मनुष्य के सामने नहीं टिक पाता । Read More

हनुमान बाहुक (HANUMAN BAHUK)
एक बार गोस्वामी तुलसीदासजी बहुत बीमार हो गये । भुजाओं में वात-व्याधि की गहरी पीड़ा और फोड़े-फुंसियों के कारण सारा उनका शरीर वेदना का स्थान-सा बन गया था। उन्होंने औषधि, यन्त्र, मन्त्र, त्रोटक आदि अनेक उपाय किये, किन्तु यह रोग घटने के बदले दिनों दिन बढ़ता ही जाता था। Read More
बजरंग बाण पाठ महात्मय
श्री बजरंग बाण- बजरंग बाण तुलसीदास द्वारा अवधी भाषा में रचित हनुमान जी का पाठ है । बजरंग बाण यानि की भगवान महावीर हनुमान रूपी बाण जिसके प्रयोग से हमारी सभी तरह की विपदाओं, दु:ख, रोग, शत्रु का नाश हो जाता है।Read More
श्री हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्रम (HANUMAN SAHASRANAMAM STOTRAM)
जो भी मनुष्य सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करता है उसके समस्त दु:ख नष्ट हो जाते हैं तथा उसकी ऋद्धि –सिद्धि चिरकाल तक स्थिर रहती है। प्रतिदिन डेढ़ मास तक इस हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र का तीनों समय पाठ करने से सभी उच्च पदवी के लोग साधक के अधीन हो जाते हैं । Read More