सहस्त्रनाम पाठ
Page 19 / 52

चंद्रसूर्याग्निनेत्रश्च कालाग्नि: प्रलयान्तक:।
कपिल: कपिश: पुण्यराशिद्वादशराशिग:॥28॥
218.चन्द्रसूर्यग्निनेत्र: - चंद्र,सूर्य और अग्निरूप तीन नेत्रोंवाले शिवस्वरूप ।
219.कालाग्नि:- मृत्युकारी अग्निरूप ।
220.प्रलयान्तक: - प्रलय का अंत करनेवाले अर्थात् भक्तों को जन्म-मृत्यु से रहित करनेवाले।
221.कपिल: - काले- पीले वर्ण के रोम से युक्त ।
222.कपिश: - श्याम-पीतवर्ण मिश्रित कपिशवर्ण ।
223.पुण्य राशि: - पुण्यकी राशि ।
224.द्वादशराशिग: - द्वादश राशियों के ज्ञाता अर्थात् ज्योतिषशास्त्र के जाननेवाले ।
सर्वाश्रयोऽप्रमेयात्मा रेवत्यादिनिवारक:।
लक्ष्मणप्राणदाता च सीताजीवनहेतुक:॥29॥
225.सर्वाश्रय: - सबके आश्रय स्थान ।
226.अप्रमेयात्मा: - अनुपम शरीरवाले ।
227.रेवत्यादिनिवारक: - रेवती-पूतना आदि ग्रह- दोषों का निवारण करनेवाले ।
228.लक्ष्मण प्राणदाता: - संजीवनी द्वारा लक्ष्मणा जी को प्राण देनेवाले ।
229.सीताजीवन हेतुक: - श्री जानकी जी को श्रीराम का संदेश देकर जीवन प्रदान करनेवाले ।
रामध्येयो हृषीकेशो विष्णुभक्तों जटी बली ।
देवारिदर्पहा होता धाता कर्ता जगत्प्रभु: ॥30॥
230.रामध्येय: - श्री राम जिनका ध्यान-स्मरण करते हैं ।
231.हृषिकेश: - इन्द्रियों के स्वामी ।
232.विष्णुभक्त: - विष्णुके भक्त ।
233.जटी: - जटावाले ।
234.बली – बलशाली ।
235.देवारिदर्पहा: - देवशत्रुओंके दर्प को नष्ट करनेवाले ।
236.होता – भगवद्भक्तिका अनुष्ठान करनेवाले ।
237.धाता: - जगत् को धारण करनेवाले ।
238.कर्ता: - जगत् को बनानेवाले ।
239.जगत्प्रभु: - जगत् के स्वामी ।

हनुमान साठिका (HANUMAN SATHIKA)
हनुमान साठिका का प्रतिदिन पाठ करने से मनुष्य को सारी जिंदगी किसी भी संकट से सामना नहीं करना पड़ता । उसकी सभी कठिनाईयाँ एवं बाधाएँ श्री हनुमान जी आने के पहले हीं दूर कर देते हैं। हर प्रकार के रोग दूर हो जाती हैं तथा कोई भी शत्रु उस मनुष्य के सामने नहीं टिक पाता । Read More

हनुमान बाहुक (HANUMAN BAHUK)
एक बार गोस्वामी तुलसीदासजी बहुत बीमार हो गये । भुजाओं में वात-व्याधि की गहरी पीड़ा और फोड़े-फुंसियों के कारण सारा उनका शरीर वेदना का स्थान-सा बन गया था। उन्होंने औषधि, यन्त्र, मन्त्र, त्रोटक आदि अनेक उपाय किये, किन्तु यह रोग घटने के बदले दिनों दिन बढ़ता ही जाता था। Read More
बजरंग बाण पाठ महात्मय
श्री बजरंग बाण- बजरंग बाण तुलसीदास द्वारा अवधी भाषा में रचित हनुमान जी का पाठ है । बजरंग बाण यानि की भगवान महावीर हनुमान रूपी बाण जिसके प्रयोग से हमारी सभी तरह की विपदाओं, दु:ख, रोग, शत्रु का नाश हो जाता है।Read More
श्री हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्रम (HANUMAN SAHASRANAMAM STOTRAM)
जो भी मनुष्य सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करता है उसके समस्त दु:ख नष्ट हो जाते हैं तथा उसकी ऋद्धि –सिद्धि चिरकाल तक स्थिर रहती है। प्रतिदिन डेढ़ मास तक इस हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र का तीनों समय पाठ करने से सभी उच्च पदवी के लोग साधक के अधीन हो जाते हैं । Read More