सहस्त्रनाम पाठ
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शिव : सर्व: परोऽव्यक्तो व्यक्ताव्यक्तों रसाधर:।
पिङ्गरोम: पिङ्गकेश: श्रुतिगम्य: सनातन: ॥3॥
21. शिव: - मंगलमय ।
22. सर्व: -सर्वस्वरूप ।
23. पर: - प्रकृति से भी परे ।
24. अव्यक्त: -अव्यक्त स्वरूपवाले ।
25. व्यक्ताव्यक्त: -जो श्रद्धालु भक्तों के समक्ष व्यक्त तथा अभक्त्जनों के लिए अव्यक्त है ।
26. रसाधर:- पृथ्वी को धारण करने वाले ।
27. पिंगरोम: -पीले रोम वाले ।
28. पिंगकेश: -पीले केशों वाले ।
29. श्रुतिगम्य: -जो श्रुतियों द्वारा जानने योग्य है ।
30. सनातन: -सदैव विद्यमान रहने वाले ।
अनादिर्भगवान्देवो विश्वहेतुर्निरामय :।
आरोग्यकर्ता विश्वेशो विश्वनाथो हरीश्वर:॥4॥
31. अनादि: - आदि से रहित ।
32. भगवान: -ऐश्वर्य मिक्त ।
33. देव:- अत्यंत दीप्त स्वरूप ।
34. विश्वहेतु: -जगत् के मूल कारण ।
35. निरामय: -नीरोग ।
36. आरोग्यकर्ता: - आरोग्य प्रदान करने वाले ।
37. विश्वेश:- विश्व के ईश्वर ।
38. विश्वनाथ: -संसार के स्वामी ।
39. हरीश्वर: -वानरों के स्वामी ।